नई दिल्ली :- ट्रैक्टर को एक कृषि उपकरण यानी खेती में इस्तेमाल होने वाली मशीन माना जाता है, तो क्या इसे चलाने के लिए किसी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है. अगर आपको ट्रैक्टर चलाना है तो किस तरह के लाइसेंस की जरूरत होगी और इस बारे में आरटीओ कानून का क्या कहना है. अगर आप खेत में ट्रैक्टर चला रहे तो क्या लाइसेंस की जरूरत नहीं है, जबकि सड़क पर चलाते समय लाइसेंस चाहिए होगा. इन सभी सवालों का जवाब आरटीओ कानून के तहत जानने की कोशिश करते हैं. दरअसल, रविवार 17 मार्च को गुरुग्राम में एक ट्रैक्टर चालक ने 3 बाइक सवारों को रौंद दिया, जिसमें से 2 की मौत हो गई. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रैक्टर चलाने वालों को भी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है. अमूमन देखा गया है कि ट्रैक्टर चालकों के पास लाइसेंस नहीं होता, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं कि खेतों में चलाने वाले इस वाहन के लिए भी लाइसेंस की जरूरत होती है.
क्या कहता है कानून
सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि ट्रैक्टर चलाने के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होगी. एक लाइट मोटर व्हीकल (LMV) लाइसेंस धारक व्यक्ति ट्रैक्टर चला सकता है. इसका मतलब है कि ट्रैक्टर चलाने के लिए आपको एलएमवी लाइसेंस की जरूरत होगी, जो कार आदि चलाने के लिए होता है. हालांकि, यह लाइसेंस सिर्फ 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले वाहनों पर ही लागू होता है, जिसमें ट्रैक्टर भी आता है.
बिना लाइसेंस चलाया तो…
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ट्रैक्टर चलाना पूरी तरह गैरकानूनी है और ऐसा करते पकड़े जाने पर जुर्माना व जेल दोनों का प्रावधान है. इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति ट्रैक्टर के मूल स्वरूप में भी छेड़छाड़ करता है यानी उसे मोडिफाई कराता है तो उस पर भी 1 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. ट्रैक्टर का बीमा कराना भी जरूरी है, ताकि दुर्घटना की स्थिति में किसी नुकसान की भरपाई की जा सके.
एलएमवी लाइसेंस भी नहीं चलेगा अगर…
यातायात कानून और सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर चलाने के लिए एलएमवी लाइसेंस को पर्याप्त बताया है, लेकिन यह एक सीमा तक ही मान्य होगा. मसलन, अगर ट्रैक्टर-ट्रॉली में सामान लादकर ढोया जा रहा है तो इसका वजन 7,500 किलोग्राम से ज्यादा हो जाएगा. ऐसे में एलएमवी लाइसेंस को इसके लिए पर्याप्त नहीं माना जाएगा. कानून ये भी कहता है कि ट्रैक्टर का इस्तेमाल व्यावसायिक ढुलाई में नहीं किया जा सकेगा, जबकि इस पर सवारी ढोना भी गैरकानूनी है और ऐसा करने पर 2,200 रुपये प्रति सवारी का जुर्माना लगाया जा सकता है.